केंद्र सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को खत्म कर उसकी जगह नया ग्रामीण रोजगार कानून लाने की तैयारी में है। सरकार ने इससे जुड़ा बिल लोकसभा सांसदों के बीच सर्कुलेट किया है। न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के मुताबिक ये खबर दी। इस बिल को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। बिल का नाम ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल, 2025’ रखा गया है। इसमें कहा गया है कि इसका उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास का नया ढांचा तैयार करना है। काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दी जाएगी। इससे पहले शुक्रवार को खबर आई थी कि केंद्रीय कैबिनेट ने मनरेगा का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना रखा है। हालांकि सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन सामने नहीं आया था। प्रियंका बोलीं थी- नाम बदलने का तर्क समझ नहीं आता शुक्रवार को जब मनरेगा के नाम बदलने की जानकारी सामने आई थी तब वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा था कि उन्हें MGNREGA योजना का नाम बदलने के फैसले के पीछे का तर्क समझ नहीं आता। जिससे फिजूल खर्च होता है। उन्होंने कहा- मुझे समझ नहीं आता कि इसके पीछे क्या मानसिकता है। सबसे पहले, यह महात्मा गांधी का नाम है, और जब इसे बदला जाता है, तो सरकार के संसाधन फिर से इस पर खर्च होते हैं। ऑफिस से लेकर स्टेशनरी तक, सब कुछ का नाम बदलना पड़ता है, इसलिए यह एक बड़ी, महंगी प्रक्रिया है। तो ऐसा करने का क्या फायदा है? कांग्रेस ने कहा था- मोदी सरकार ने हमारी 32 योजनाओं के नाम बदले कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत ने मनरेगा का नाम बदले जाने पर एक वीडियो शेयर किया था। जिसमें उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने MGNREGA का नाम बदल कर पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार स्कीम रखा है। इसी मनरेगा को मोदी कांग्रेस की विफलताओं का पुलिंदा बताते थे लेकिन असलियत यह है कि यही मनरेगा ग्रामीण भारत के लिए संजीवनी साबित हुआ। कांग्रेस की स्कीमों का नाम बदल कर उनको अपना बना लेने की मोदी जी की यह लत बड़ी पुरानी है यही तो किया है उन्होंने 11 साल, UPA की स्कीमों का नाम बदल अपना ठप्पा लगा कर पब्लिसिटी करना। सुप्रिया ने X पर उन योजनाओं के नाम शेयर किए, जिन्हें कांग्रेस ने शुरू किया था। साथ ही दावा किया है कि इनके नाम बदले गए हैं। ग्राफिक्स में देखिए उन्हीं योजनाओं के नाम... संसद का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा --------------------------- ये खबर भी पढ़ें... हर साल 2 लाख लोग भारतीय नागरिकता छोड़ रहे:5 साल में 9 लाख विदेश में बसे; सरकार ने कहा- 2021 के बाद संख्या बढ़ी भारतीय नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। विदेश मंत्रालय ने संसद को बताया है कि पिछले 5 सालों में करीब 9 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है। राज्यसभा में जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह कहा- 2011 से 2024 के बीच लगभग 21 लाख भारतीयों ने विदेशी नागरिकता अपनाई। पूरी खबर पढ़ें....