सुप्रीम कोर्ट में आज स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होगी। इस मामले में अदालत ने चुनाव आयोग (ECI) से जवाब भी मांगा है और बड़ी टिप्पणियां की थीं। वहीं 11 दिसंबर को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि चुनाव आयोग को इतनी गहराई से जांच करने का अधिकार नहीं है। एक अन्य वकील ने कहा कि EC वोटरों को शक की नजर से देखकर पुलिस की तरह जांच नहीं कर सकता है। दरअसल तमिलाडु, पश्चिम बंगाल और केरल समेत कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं। वहीं आज पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गोवा, पुडुचेरी और लक्षद्वीप के ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल भी जारी होंगे। CJI सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा था कि माइग्रेशन का अर्थ सिर्फ घरेलू नहीं है, लोग रोजगार की तलाश में जाते हैं। ब्रेन ड्रेन भी माइग्रेशन ही है। उन्होंने बताया कि कोलकाता के कई IT प्रोफेशनल्स दक्षिण भारत में काम के लिए जाते हैं। CJI बोले- SIR हर साल होने वाला काम नहीं CJI ने अपने हालिया हैवलॉक द्वीप दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि वहां 25,000 की आबादी में लगभग 22,000 लोग प्रवासी हैं। कोर्ट ने कहा था- SIR प्रक्रिया 20 साल बाद हो रही है, इसलिए बहुत ज्यादा तकनीकी आपत्तियां नहीं देखी जा सकतीं। यह हर साल होने वाला काम नहीं है। 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के चयन पर सवाल याचिकाकर्ताओं के वकील रामचंद्रन ने पूछा था कि क्यों सिर्फ 9 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों को चुना गया? उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार में तेजी से शहरीकरण या पलायन होने का दावा आसान अनुमान और लापरवाही है। छत्तीसगढ़ में, जहां फिलहाल चुनाव नहीं हैं, वहां जल्दी-जल्दी SIR कराने पर उन्होंने कहा- इतने संवेदनशील राज्य में जल्दबाजी न्यायिक समीक्षा की मांग करती है। नए मामलों पर रोक सुनवाई की शुरुआत में CJI सूर्यकांत ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि इस मुद्दे पर अब कोई नई याचिका स्वीकार न करे। उन्होंने कहा- कई लोग सिर्फ पब्लिसिटी के लिए आ रहे हैं। अब और याचिकाओं की जरूरत नहीं। ड्राफ्ट रोल 16 दिसंबर को पब्लिश होगा चुनाव आयोग ने 11 दिसंबर को 5 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश (UT) में SIR की समयसीमा बढ़ाई थी। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार में 18 दिसंबर तक फॉर्म भर सकेंगे। उत्तर प्रदेश में 26 दिसंबर, गुजरात और तमिलनाडु में 14 दिसंबर तक फॉर्म भरे जा सकेंगे। पहले फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 11 दिसंबर थी। केरल में पहले ही आखिरी तारीख 18 दिसंबर कर दी गई थी जिसका ड्राफ्ट 23 दिसंबर को पब्लिश होगा। SIR के बारे में जानें... बिहार के बाद देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में SIR 28 अक्टूबर से शुरू हुआ है। इस प्रोसेस में वोटर लिस्ट का अपडेशन होगा। नए वोटरों के नाम जोड़े जाएंगे और वोटर लिस्ट में सामने आने वाली गलतियों को सुधारा जाएगा। 30 नवंबर को SIR की डेडलाइन 7 दिन बढ़ाई गई थी चुनाव आयोग ने 30 नवंबर को SIR की समयसीमा एक सप्ताह बढ़ाने का फैसला किया था। आयोग ने कहा था कि अब अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। मतदाता जोड़ने-हटाने का एन्यूमरेशन पीरियड यानी वोटर वेरिफिकेशन अब 11 दिसंबर तक चलेगा, जो पहले 4 दिसंबर तक तय था। पहले ड्राफ्ट लिस्ट 9 दिसंबर को जारी होनी थी, लेकिन अब इसे 16 दिसंबर को जारी किया जाएगा। -------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... ममता ने महिलाओं से कहा- SIR में नाम कटे तो आपके खाना बनाने के बर्तन हैं, उनसे लड़ो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को खतरनाक करार दिया है। ममता ने 11 दिसंबर को कृष्णानगर की रैली में कहा कि शाह की आंखों में दहशत है। उनकी एक आंख में आपको दुर्योधन तो दूसरी आंख में दुशासन दिखाई देगा। पूरी खबर पढ़ें...