पीठ ने दहेज हत्या के 24 साल पुराने मामले में अपना फैसला सुनाते हुए केंद्र और राज्यों को सभी स्तरों पर शैक्षिक पाठ्यक्रम में आवश्यक बदलावों पर विचार करने का निर्देश दिया, साथ ही इस संवैधानिक स्थिति को मजबूत करने का भी निर्देश दिया कि विवाह के दोनों पक्ष एक दूसरे के बराबर हैं और कोई भी दूसरे के अधीन नहीं है.