जालौन के कोंच नगर में 107 वर्षीय गेंदारानी की अंतिम यात्रा अनोखी रही. परिजनों ने उन्हें दुल्हन की तरह सजी डोली में, बैंड-बाजे और भक्ति गीतों के साथ विदा किया. शोक की जगह यह यात्रा एक पूर्ण और सार्थक जीवन के उत्सव का प्रतीक बनी, जिसने सभी को भावुक कर दिया.