राहुल बोले- मनरेगा खत्म करना महात्मा गांधी का अपमान:PM मोदी को उनके विचारों से समस्या; 'VB-जी राम जी' बिल गरीबों की आजीविका पर हमला

लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को खत्म करने की कोशिश महात्मा गांधी के विचारों का सीधा अपमान है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महात्मा गांधी के विचारों और गरीबों के अधिकारों से समस्या है। उन्होंने आरोप लगाया, पिछले 10 सालों से मोदी सरकार मनरेगा को कमजोर करने की कोशिश कर रही है और अब इसे पूरी तरह खत्म करने का इरादा है। 'VB-जी राम जी' बिल गरीब ग्रामीण परिवारों की आजीविका पर हमला है। कांग्रेस सड़क से लेकर संसद तक इस जनविरोधी बिल का विरोध करेगी। दरअसल, मोदी सरकार मनरेगा को खत्म करके कर उसकी जगह ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी 'विकसीत भारत-जी राम जी' स्कीम ला रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को बिल लोकसभा में पेश किया। राहुल गांधी की 2 बड़ी बातें.... लोकसभा में VB-जी राम जी बिल पेश लोकसभा में मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने VB-जी राम जी बिल, 2025’ पेश किया। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि हम इस बिल का विरोध करते हैं। हर योजना का नाम बदलने की सनक समझ नहीं आती है। पूरी खबर पढ़ें... VB-जी राम जी बिल मनरेगा स्कीम को रिप्लेस करेगा VB-जी राम जी बिल पास हो जाता है तो महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को रिप्लेस करेगा। नए बिल में कहा गया है कि इसका उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास का नया ढांचा तैयार करना है। काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दी जाएगी। अब बिल से संबंधित 5 सवाल-जवाब पढ़ें.. सवालः क्या MGNREGA पूरी तरह खत्म हो जाएगा या दोनों योजनाएं साथ चलेंगी? जवाबः MGNREGA पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। नया बिल साफ तौर पर 2005 के MGNREGA कानून को रद्द (Repeal) करने की बात करता है। यानी नया कानून लागू होने के बाद सिर्फ VB-G RAM G ही लागू रहेगा। सवालः नया कानून कब से लागू होगा और पुराने जॉब कार्ड का क्या होगा? जवाबः नया कानून संसद से पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू होगा। बिल के मुताबिक, कानून लागू होने के 6 महीने के भीतर राज्यों को अपनी नई योजना बनानी होगी। राज्यों को नए सिस्टम के तहत नया पंजीकरण/पहचान व्यवस्था लागू करनी होगी, जो डिजिटल और बायोमेट्रिक आधारित होगी। सवालः मजदूरी दरों में कोई बदलाव होगा या वही पुरानी रहेंगी? जवाबः बिल में मजदूरी की तय राशि का साफ उल्लेख नहीं है। इसका मतलब है कि मजदूरी दरें केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग तय करेंगी, जैसे अभी MGNREGA में होता है। फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता कि मजदूरी बढ़ेगी या नहीं। सवालः 125 दिन का रोजगार सभी को मिलेगा या शर्तें होंगी? जवाबः 125 दिन का रोजगार गारंटी के रूप में दिया जाएगा, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। जैसे परिवार ग्रामीण क्षेत्र का होना चाहिए, वयस्क सदस्य बिना कौशल वाला श्रम करने को तैयार हों और काम सरकार द्वारा तय सार्वजनिक कार्यों में ही मिलेगा। यानी यह अपने-आप नहीं, बल्कि काम मांगने पर मिलेगा। सवालः बोवाई/कटाई के समय काम न मिलने पर गरीब मजदूर क्या करेंगे? जवाबः नया बिल इस स्थिति को ध्यान में रखकर लाया गया है। राज्य सरकारों को अधिकार होगा कि वे बोवाई और कटाई के समय कुछ अवधि के लिए इन कामों को अस्थायी रूप से रोक सकें, ताकि खेतों में मजदूरों की कमी न हो, किसान और मजदूर दोनों को नुकसान न पहुंचे। इसका मतलब है कि उस समय मजदूर खेती में काम कर सकेंगे, और सरकारी काम बाद में दिए जाएंगे। अब मनरेगा स्कीम के बारे में पढ़ें... --------------------------- ये खबर भी पढ़ें... मनरेगा स्कीम की जगह लेगा 'विकसित भारत-जी राम जी':मोदी सरकार नया बिल ला रही; प्रियंका बोलीं- महात्मा गांधी का नाम क्यों हटा रहे मोदी सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को खत्म कर नया ग्रामीण रोजगार कानून लाने जा रही है। इसे मौजूदा शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए सूचीबद्ध भी किया गया है। पूरी खबर पढ़ें...