धामी सरकार 2027 चुनाव से पहले घर-घर देगी दस्तक:23 विभागों से जुड़ी योजनाओं से लोगों को जोड़ेगी, कांग्रेस ने कहा- पहले किसके द्वार पर थे

2027 विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने कमर कस ली है। उत्तराखंड सरकार ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार‘ अभियान में प्रदेश के सभी न्याय पंचायतों में कैंप लगाएगी। इन कैंपों में सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। छूटे हुए पात्र व्यक्तियों को योजनाओं से जोड़ा जाएगा। लोग ऐसे कैंपों से जुड़े, इसके लिए सोशल मीडिया से भी प्रचार होगा। सभी कैम्प का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। कैम्प का डॉक्यूमेंटेशन करने के लिए एक एप भी तैयार होगा। ताकि योजनाओं का लाभ सुनिश्चित हो सके। वहीं कांग्रेस ने राज्य सरकार के इस कार्यक्रम को लेकर तंज कसा है। 45 दिनों तक हर न्याय पंचायत में लगेंगे कैंप मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने बताया कि 17 दिसंबर से अगले 45 दिनों तक प्रदेश की हर न्याय पंचायत में विशेष कैंप लगाए जाएंगे। इन कैंपों के जरिए 23 विभागों की योजनाओं से प्रत्येक पात्र नागरिक को जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान का मकसद यही है कि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। हर जिले को बनाना होगा कैंप का रोस्टर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों में न्याय पंचायतों की संख्या के अनुसार कैंप का रोस्टर तैयार करें। जिन जिलों में न्याय पंचायतों की संख्या अधिक है, वहां अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक सभी नागरिक योजनाओं से संतृप्त नहीं हो जाते। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की उपलब्धता को देखते हुए हर सप्ताह 2 से 3 कार्य दिवसों में प्रत्येक तहसील की सभी न्याय पंचायतों को कवर किया जाए। कैंप से पहले होगा व्यापक प्रचार-प्रसार मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि कैंप लगाने से पहले संबंधित न्याय पंचायत में सूचना का प्रचार-प्रसार अनिवार्य रूप से किया जाए। इसके लिए सोशल मीडिया का भी उपयोग करने को कहा गया है, ताकि लोगों को समय और स्थान की पूरी जानकारी मिल सके। उन्होंने निर्देश दिए कि कैंप से 2-3 दिन पहले आवेदन पत्र, योजना की जानकारी और जरूरी दस्तावेजों की सूची गांवों तक पहुंचा दी जाए। गांव-गांव जाकर भरे जाएंगे आवेदन मुख्य सचिव ने कहा कि कैंप के बाद अधिकारी आसपास के गांवों का भ्रमण कर पात्र लोगों के आवेदन पत्र मौके पर ही भरवाएं। समाज कल्याण की पेंशन योजनाएं, विभिन्न प्रमाण पत्र, मनरेगा पंजीकरण समेत 23 विभागों की योजनाओं का लाभ एक ही स्थान पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही बैंकर्स को भी कैंप में शामिल कर ऋण से जुड़ी योजनाओं का लाभ देने के निर्देश दिए गए। औचक निरीक्षण और सख्त मॉनिटरिंग के निर्देश मुख्य सचिव ने प्रभारी सचिवों को अपने अधीन जिलों में लगने वाले कैंपों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कैंप में आने वाली जनसमस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए और पूरी प्रक्रिया की लगातार मॉनिटरिंग हो। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रत्येक सप्ताह आयोजित कैंपों की प्रगति रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय और सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी जाए। साथ ही सभी जिलाधिकारियों को कैंप का डेटाबेस तैयार करने और बेहतर डॉक्यूमेंटेशन के लिए एक विशेष एप विकसित करने के निर्देश भी दिए गए। सरकार का यह अभियान गांव-गांव तक सरकारी योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार पर कांग्रेस का तंज प्रदेश सरकार के ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अभियान पर तंज कसते हुए गणेश गोदियाल ने कहा कि सबसे पहले यह बताया जाए कि पहले सरकार किसके द्वार पर थी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार जन-जन के द्वारा का नारा देकर असल में धन्ना सेठों के द्वार तक पहुंच जाती है। गोदियाल ने कहा कि आज उत्तराखंड में खनन से लेकर बड़े ठेके तक बाहरी कंपनियों के हाथ में हैं। राज्य के संसाधनों पर बाहर की कंपनियों का कब्जा बढ़ता जा रहा है, जबकि स्थानीय लोगों को उनका हक नहीं मिल पा रहा। ऐसे में यह नारा उत्तराखंड के लोगों के लिए सिर्फ एक नारा बनकर रह गया है।