पति से चल रहा तलाक का केस, लिव इन पार्टनर से महिला ने मांगा हर्जाना, कोर्ट से डिमांड हुई खारिज, जानिए क्यों

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि अगर किसी महिला की पहली शादी अभी तक समाप्त नहीं हुई है, तो वह जिस व्यक्ति के साथ रहती है, उससे धारा 125 CrPC के तहत भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती. कोर्ट ने कहा कि भले ही महिला और उस व्यक्ति के बीच लगभग 10 साल तक संबंध रहा हो और इसे समाज में विवाह जैसा माना गया हो, लेकिन यह कानूनी रूप से पत्नी का दर्जा नहीं बनाता.