संचार साथी ऐप पर सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा. विपक्ष के विरोध के साथ ही ऐपल का नाम भी इस पूरे मामले में सामने आया है. ऐपल ने सरकार की ओर से इस मामले में रखी गई मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया था और संचार साथी को प्री-इंस्टॉल करने से भी इनकार कर दिया है. पहले भी सरकार और टेक कंपनियां का टकराव हो चुका है.