जज साहब, ये तो बच्चा है...! बढ़ रहे माइनर अपराधी, ये सब कब और कैसे रुकेगा?

अब हरेक चीज का 'शो ऑफ' करने का चलन बन गया है. अपने 'किरदार' से ज्यादा हाथों में आई-फोन, ब्रांडेड कपड़े, रंग-बिरंगे बालों से लोगों की पहचान बन रही है. एक का दिखावा दूसरे की हीन भावना बन रहा. इसका टीनेजर्स पर ज्यादा असर पड़ता है, खासकर निम्न आयवर्ग के पर‍िवार के बच्चों पर. उनमें से कई ऐसे हैं, जो शॉर्ट कट अपनाकर अमीर होने से नहीं चूकते.