'जी राम जी' बिल को लोकसभा में मंजूरी, विपक्ष ने फाड़े कागज

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का कहना है कि देश की जनता ने सदस्यों को कागज फेंकने के लिए नहीं चुना बल्कि उन्हें महत्त्वपूर्ण चर्चाओं में भाग लेने के लिए भेजा है. उन्होंने यह भी कहा कि सभी माननीय सदस्यों को पिछले दिन पर्याप्त समय चर्चा के लिए दिया गया है. इस तरह का व्यवहार न तो संसदीय परंपराओं के अनुसार है और न ही हमारे लोकतंत्र के अनुरूप. यह बात संसद में शिष्टाचार और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अहमियत को रेखांकित करती है.