उत्तराखंड में लगातार गिर रही रोजगार मेलों की संख्या:100 में से 83 युवा लौट रहे खाली हाथ; प्रदेश में 5 लाख से ज्यादा बेरोजगार

उत्तराखंड में रोजगार की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। सेवायोजन विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में 5 लाख 14 हजार 413 पंजीकृत बेरोजगार हैं। लेकिन बीते चार सालों में आयोजित 549 रोजगार मेलों में सिर्फ 9,255 युवाओं को ही नौकरी मिल सकी। विशेष बात यह है कि रोजगार मेलों की संख्या भी लगातार घट रही है। 2022-23 में 197 मेले आयोजित हुए थे, जबकि 2024-25 में यह घटकर सिर्फ 70 रह गए। इससे यह स्पष्ट होता है कि न केवल नौकरियों की संख्या कम हो रही है, बल्कि अवसर प्रदान करने वाले मेलों की संख्या भी घट रही है। प्रदेश के पढ़े-लिखे युवा बड़ी उम्मीद के साथ सेवायोजन विभाग में पंजीकरण करा रहे हैं, लेकिन मेलों से मिलने वाले अवसर उनकी संख्या के मुकाबले बेहद सीमित हैं। इसी वजह से अधिकांश युवा बेरोजगार ही लौट रहे हैं और कई पलायन को मजबूर हैं। रोजगार मेलों का कुल हाल, हर मेले में 16-17 को ही नौकरी सेवायोजन विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक 01 अप्रैल 2021 से 31 अक्टूबर 2025 तक कुल 549 रोजगार मेले आयोजित किए गए। इन मेलों में 55,079 अभ्यर्थियों ने भाग लिया, लेकिन सिर्फ 9,255 इसका मतलब यह हुआ कि एक रोजगार मेले से औसतन 16 से 17 युवाओं को ही नौकरी मिली, जबकि बड़ी संख्या में अभ्यर्थी बिना चयन के लौटे। कुल प्रतिभागियों के मुकाबले चयन प्रतिशत भी बेहद कम रहा। आंकड़े बताते हैं कि 2022-23 के बाद से रोजगार मेलों के जरिए मिलने वाली नौकरियों में लगातार गिरावट आई है। हर 100 में 83 युवा बेरोजगार लौटे चार साल के कुल आंकड़ों को देखें तो 55,079 प्रतिभागियों में से सिर्फ 9,255 का चयन हो पाया। यानी हर 100 युवाओं में करीब 83 युवा बेरोजगार ही लौटे। यह स्थिति उन युवाओं के लिए ज्यादा निराशाजनक है, जो ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद भी रोजगार की तलाश में सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकरण करा रहे हैं। विभाग की सफाई, आपदा को बताया वजह सेवायोजन विभाग के निदेशक संजय खेतवाल का कहना है कि विभाग लगातार रोजगार मेलों के जरिए युवाओं को रोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में पहाड़ी क्षेत्रों में आई आपदाओं के कारण रोजगार मेलों की संख्या प्रभावित हुई है। उनका कहना है कि सत्र समाप्त होने से पहले अधिक से अधिक रोजगार मेलों के आयोजन की योजना है, ताकि ज्यादा युवाओं को रोजगार का लाभ मिल सके।