मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर न होने का मुद्दा उठाया जिससे सदन में भरोसे और नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े हो गए. सीएम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के भीतर भरोसे की कमी है. कांग्रेस ने आपत्ति जताई, लेकिन सीएम चर्चा के लिए तैयार हैं. इस विवाद के बीच सियासी पारा गरमाया और सदन में बहस का माहौल बना.