उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष के बीच राहत की खबर सामने आई है। पिथौरागढ़ जिले में अब भालू और तेंदुओं के आतंक से निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का सहारा लिया जाएगा। वन विभाग ने जिले को इस नई पहल के लिए मॉडल जिला चुना है। जिले के उन इलाकों में, जहां भालुओं की आवाजाही लगातार बढ़ रही है, वहां AI पावर्ड डिवाइस लगाई जाएंगी। इन डिवाइस की मदद से न सिर्फ वन्यजीवों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी, बल्कि उन्हें आबादी वाले क्षेत्रों से दूर भगाने का भी इंतजाम किया गया है। पूरे उत्तराखंड में हाल के महीनों में वन्यजीवों के हमलों से दहशत का माहौल है। ऐसे समय में पिथौरागढ़ से शुरू हो रही यह AI आधारित व्यवस्था पहाड़ी जिलों के लिए एक बड़ी राहत और भविष्य का मॉडल बन सकती है। AI कैमरा पहचानेगा भालू और तेंदुआ AI पावर्ड डिवाइस में हाई क्वालिटी कैमरा लगाया जाएगा, जो जंगल और आबादी से सटे इलाकों पर लगातार नजर रखेगा। यह कैमरा 100 से 150 मीटर तक की दूरी में किसी भी बड़े वन्यजीव की गतिविधि पकड़ सकता है।कैमरे को पहले से भालू और तेंदुए की पहचान सिखाई गई होगी। जैसे ही ये जानवर कैमरे की रेंज में आएंगे, डिवाइस खुद समझ जाएगी कि यह इंसानों के लिए खतरा बन सकता है। जानवर दिखते ही डिवाइस देगा अलर्ट जैसे ही कैमरे में भालू या तेंदुआ ट्रैप होगा, AI सिस्टम तुरंत एक्टिव हो जाएगा। इसके लिए किसी कर्मचारी की जरूरत नहीं पड़ेगी।डिवाइस में लगा स्पीकर तेज आवाज निकालेगा। यह आवाज सामान्य नहीं होगी, बल्कि ऐसी होगी जिससे ये वन्यजीव डरते हैं और उस इलाके से दूर हट जाते हैं। बदबूदार स्प्रे भी खुद डिवाइस करेगा कुछ AI डिवाइस में विशेष गंध वाली स्प्रे भी लगाई जाएगी।अगर भालू या तेंदुआ बहुत ज्यादा पास आ जाता है, तो डिवाइस अपने आप यह स्प्रे हवा में छोड़ देगी।इस स्प्रे की गंध जानवरों को पसंद नहीं होती, इसलिए वे उस जगह को छोड़ देते हैं और दोबारा वहां आने से बचते हैं। मोबाइल पर भी भेजेगा अलर्ट AI डिवाइस को वन विभाग के अधिकारियों के मोबाइल फोन से जोड़ा जाएगा।जैसे ही किसी इलाके में जानवर की मौजूदगी दर्ज होगी, अधिकारियों को तुरंत मैसेज के जरिए सूचना मिल जाएगी।इस अलर्ट के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच सकती है या आसपास के गांवों के लोगों को पहले ही सावधान कर सकती है, जिससे किसी तरह की अनहोनी को रोका जा सके। डीएफओ बोले- वन्यजीव हमलों में कमी आएगी पिथौरागढ़ के डीएफओ आशुतोष सिंह ने बताया कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए AI तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।पहले चरण में धारचूला के भालू प्रभावित इलाकों में पांच डिवाइस लगाने का निर्णय लिया गया है।डिवाइस फिलहाल असेंबल की जा रही हैं और जल्द ही इन्हें प्रभावित क्षेत्रों में इंस्टॉल किया जाएगा।