देहरादून के विकासनगर में 19 साल के अंशु गुप्ता की मौत अब सिर्फ आत्महत्या नहीं, बल्कि एक संदिग्ध हादसे के तौर पर भी देखी जा रही है। शुरुआती जांच और परिवार के करीबी सूत्रों के मुताबिक, अंशु संभवतः पिता की लाइसेंसी पिस्टल से सेल्फी लेने की कोशिश कर रहा था, तभी ट्रिगर दब गया। अभी तक की पुलिस जांच में सामने आया है कि गोली दूसरी मंजिल पर अंशु के कमरे में चली। उस वक्त घर में उसकी छोटी बहन और दादी मौजूद थी। गोली की आवाज सबसे पहले बहन ने ही सुनी, जो कमरे में भाई को खून से सना देख वहीं पर बेहोश हो गई थी। वहीं, पड़ोस में रहने वाले अंसू के दोस्त ने बताया कि शुक्रवार सुबह ही उसकी अंशू से बात हुई थी, जिसमें अंशू ने उससे शनिवार को कहीं घूमने का प्लान बनाने के लिए कहा था। फिलहाल पुलिस हर एंगल से इस पूरे मामले में जांच कर रही है। एफएसएल और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ही अब इस पूरे मामले की गुत्थी को सुलझाएगी। दूसरी मंजिल पर चली गोली, सबसे पहले बहन ने देखा भाई को घटना शुक्रवार शाम करीब साढ़े छह बजे की है। अंशु गुप्ता का कमरा मकान की दूसरी मंजिल पर था। जब दोपहर तीन बजे जब वह कॉलेज से आया तो सब नॉर्मल था। घटना के वक्त वक्त घर में नीचे वाले फ्लोर पर उसकी दादी मौजूद थीं। 14 साल की छोटी बहन भी नीचे वाले फ्लोर पर ही अपनी दादी के बगल वाले कमरे में थी। गोली चलने की आवाज भी सबसे पहले छोटी बहन ने ही सुनी। वह तुरंत दूसरी मंजिल पर अंशु के कमरे में पहुंची, इस दौरान दादी भी अपने कमरे से बाहर आई लेकिन वो सीढ़ियां चढ़ नहीं सकतीं थीं इसलिए वो कमरे के बाहर से ही ऊपर अशू के कमरे की तरफ देखने लगीं। बहन ऊपर गई तो उसने भाई को फर्श पर खून से लथपथ पड़ा देखा। कमरे के अंदर काफी खून फैल चुका था और पास में पिता की लाइसेंसी पिस्टल पड़ी थी। बहन ने मां को फोन किया, बताते-बताते बेहोश हुई भाई की हालत देखकर छोटी बहन घबरा गई। उसने तुरंत मां को फोन किया। मां उस वक्त फिजियोथेरेपिस्ट के पास गई हुई थीं। अंसू शाम करीब 5 बजे खुद अपनी मां को यहां पर छोड़कर आया था। बेटी ने रोते हुए मां को पूरी घटना बताई, लेकिन बात पूरी होने से पहले ही वह बेहोश हो गई। उधर नीचे मौजूद दादी ने ऊपर से पोती की आवाज सुनी और जोर-जोर से चिल्लाने लगीं। दादी की आवाज सुनकर पड़ोसी घर के अंदर पहुंचे और हालात को समझते ही एम्बुलेंस और पुलिस दोनों को सूचना दी। एम्बुलेंस पहले पहुंची, फिर मां और पिता; बेटे को देखकर पिता को अटैक पुलिस के पहुंचने से पहले एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गई। इसके कुछ ही देर बाद मां घर पहुंचीं और फिर पिता एडवोकेट विवेक गुप्ता आए। जैसे ही पिता ने बेटे को इस हालत में देखा, उन्हें माइनर पैरालाइज अटैक आ गया। इसके बाद दूसरी एम्बुलेंस बुलाकर पिता को भी अस्पताल ले जाया गया। हालांकि शुरुआत में वे होश में थे और उन्होंने कुछ करीबी लोगों को फोन कर घटना की जानकारी भी दी थी। सुबह दोस्त से मिला था, घूमने का प्लान बनाया था पास में रहने वाले एक युवक ने बताया कि वह घटना वाले दिन सुबह ही अंशु से मिला था। बातचीत में अंशु ने कहा था कि शनिवार को कहीं घूमने का प्लान बनाएंगे। युवक के मुताबिक, अंशु सामान्य था और किसी तरह की परेशानी में नहीं दिख रहा था। मृतक अंशु गुप्ता उत्तरांचल टेक्निकल यूनिवर्सिटी से BA-LLB फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट था और कुछ दिन पहले ही थाईलैंड से एक हफ्ते का टूर करके लौटा था। सेल्फी एंगल, हर पहलू से जांच विकासनगर बार एसोसिएशन के सचिव और परिवार के करीबी एडवोकेट नितिन वर्मा ने बताया कि अंशु पढ़ाई में अच्छा और बेहद मिलनसार था। उनका कहना है कि संभावना है कि वह पिस्टल से सेल्फी लेने की कोशिश कर रहा था, तभी ट्रिगर दब गया और यह हादसा हो गया। पुलिस के अनुसार पिस्टल पिता के कमरे के लॉकर से निकाली गई थी। FSL टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। पुलिस आत्महत्या, हादसा और अन्य सभी एंगल से मामले की जांच कर रही है। फिलहाल अंसू के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। वहीं पिता का भी अस्पताल में इलाज जारी है। FSL रिपोर्ट में इन सवालों का मिलेगा जवाब