बांग्लादेश में स्वतंत्र पत्रकारिता के इतिहास का एक काला अध्याय उस वक्त जुड़ गया, जब राजधानी ढाका में देश के दो सबसे बड़े अखबारों अंग्रेजी 'द डेली स्टार' और बांग्ला दैनिक 'प्रोथोम आलो' के दफ्तरों पर भीड़ ने हमला कर दिया. आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट और पत्रकारों को घंटों तक बंधक जैसी स्थिति में रखने वाली इस हिंसा ने ना सिर्फ मीडिया की सुरक्षा बल्कि अभिव्यक्ति की आजादी पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.