एक के बाद एक हंगामे की भेंट चढ़ते संसद सत्र के बीच हालिया शीतकालीन सत्र से मिले शुभ संकेत

ऐसे द़ृश्य 18वीं लोक सभा में पहली बार दिखे, जब सदन में सार्थक चर्चा और सदन के बाहर पक्ष-विपक्ष में एकदूसरे का सम्मान और आदर नजर आया.