बाबर ना इस देश का था और न ही बाबरी इस देश की विचारधारा का हिस्सा हो सकता है. बाबर एक आक्रांता था और किसी भी धर्म में आक्रांता के नाम पर मस्जिद, मंदिर, गिरिजाघर या चर्च बनाने की अनुमति नहीं होती. बाबरी मस्जिद जो बनी थी, वह एक अवैध ढांचा था जिसे कोर्ट ने भी स्वीकार किया.