ग्रामीणों ने बताया कि लगातार हो रही चोरियों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही, इसलिए अब वे हालात को व्यंग्य और इंसानियत के साथ लेने को मजबूर हैं.