माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के दबाव में आकर सिर्फ लोन लेने वालों ने नहीं बल्कि कर्मियों ने भी आत्महत्या की है. पटना में मार्च के महीने में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के दो कर्मचारियों ने आत्महत्या की. उनमें से एक कर्मी अनन्या ने अपने हाथ पर लिखा था, "कंपनी अच्छी नहीं है, कोई मरता है तो किसी को फर्क नहीं पड़ता है."