दिल्ली हाईकोर्ट ने वकीलों की स्वतंत्रता को लेकर एक मामले में शनिवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) के एक वकील को जारी किए गए समन पर रोक लगा दी है। उक्त वकील ने अपने क्लाइंट की ओर से एजेंसी को एक ईमेल भेजा था। कोर्ट ने कहा- इस नोटिस पर रोक लगा रहे हैं। जांच अधिकारी को कोर्ट में मौजूद रहने को कहें। यह कतई स्वीकार्य नहीं है। यदि ऐसी प्रथाएं जारी रहीं, तो वकीलों के लिए काम करना असंभव हो जाएगा। हाईकोर्ट ने कहा यदि इस तरह की कार्रवाई की अनुमति दी गई, तो यह कानूनी पेशेवरों के काम में गंभीर बाधा उत्पन्न करेगा। जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने नोटिस जारी किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की और जांच अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। क्या है मामला वकील-क्लाइंट के विशेषाधिकार का हनन हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि वकीलों को केवल अपने मुवक्किल का प्रतिनिधित्व करने के लिए संदिग्ध नहीं माना जा सकता और न ही उन पर दबाव बनाया जा सकता है। यह वकील और क्लाइंट के बीच के गोपनीय संबंधों का उल्लंघन है। अदालत अब इस मामले पर 23 दिसंबर को आगे की सुनवाई करेगी। ------------- ये खबर भी पढ़ें... महुआ मोइत्रा के खिलाफ CBI चार्जशीट दाखिल नहीं करेगी:दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकपाल का आदेश रद्द किया; पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का मामला पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में CBI फिलहाल TMC सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं करेगी। दिल्ली हाईकोर्ट ने 19 दिसंबर को लोकपाल की ओर से चार्जशीट फाइल करने की मंजूरी को रद्द कर दिया है। यह मंजूरी 12 नवंबर को दी गई थी। पूरी खबर पढ़ें...