आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने लिव-इन रिलेशनशिप पर अपने विचार रखते हुए कहा, 'आप जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं. ये सही नहीं है. परिवार, विवाह, सिर्फ शारीरिक संतुष्टि का साधन नहीं है. परिवार वह जगह है, जहां व्यक्ति समाज में रहना सीखता है... इसलिए ये हमारे देश, समाज और धार्मिक परंपराओं को संरक्षित रखने के बारे में है.'