उत्तर प्रदेश की पुलिस में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. कई पुलिसकर्मी जो कानून के रक्षक होने चाहिए थे, वे आरोपों को बचाने या फसाने के लिए थानों में घूस लेते पाए गए हैं. गाज़ियाबाद, बस्ती, और लखनऊ जैसे शहरों में रिश्वतखोरी के विभिन्न मामले सामने आए हैं जिनमें महिला दारोगा और सिपाहियों ने लाखों रुपए की रिश्वत ली है. यह घटनाएं पुलिस व्यवस्था की गंभीर खामियों और ट्रैनिंग की कमी को दर्शाती हैं. अपराध नियंत्रित करने के दावे के बावजूद, कुछ पुलिसकर्मी कानून को बेचने का काम कर रहे हैं, जिससे अपराधियों को खुद शासन की गलतफहमी हो रही है कि वे कानून को खरीद सकते हैं.