उत्तर प्रदेश में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. आगरा में एक निर्दोष शख्स को हत्या कबूल कराने के लिए थर्ड डिग्री टॉर्चर देने का आरोप है, तो वहीं बिजनौर में चार मौतों के बाद सबूत बदलने का दावा सामने आया है. ये दो घटनाएं बताती हैं कि खाकी के भीतर कैसे कानून को कुचला जा रहा है.