'अरावली बचाओ' आंदोलन को कांग्रेस ने एक पूर्व मंत्री रामलाल जाट के हवाले कर दिया है. यही इस नाटक की सबसे बड़ी विडंबना है. श्री जाट और उनका परिवार 'अरावली ग्रेनाइट मार्बल प्राइवेट लिमिटेड' नाम की एक खनन कंपनी के मालिक हैं. जब वे राजस्व मंत्री थे, तब उन पर जंगल की जमीन को खनन के लिए आसान बनाने के आरोप लगे थे.