भारत में वायु प्रदूषण कोविड-19 महामारी के बाद सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट बन चुका है। ब्रिटेन में काम करने वाले भारत के कई सीनियर डॉक्टरों ने न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत में यह दावा किया है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर तत्काल और ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या हर साल और गंभीर होती जाएगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, सांस से जुड़ी बीमारियों का एक बड़ा हिस्सा अब भी बिना पहचान और इलाज के है। डॉक्टरों ने कहा कि पिछले 10 सालों में सिर्फ मोटापे के कारण हृदय रोगों के मामले नहीं बढ़ें हैं। हृदय रोगों का एक बड़ा कारण प्रदूषण भी है। इसमें कारों और विमानों से निकलने वाली जहरीली गैस भी शामिल है, जो भारत, ब्रिटेन और अन्य देशों के शहरों में तेजी से बढ़ा है। इंग्लैंड स्थित लिवरपूल में कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट और भारत सरकार की कोविड-19 एडवाइजरी कमेटी के पूर्व सदस्य मनीष गौतम ने कहा कि वायु प्रदूषण पर सरकार का नया फोकस जरूरी है, लेकिन इसमें काफी देरी हो चुकी है। मनीष गौतम ने कहा- उत्तर भारत में रहने वाले लाखों लोगों में नुकसान पहले ही हो चुका है। जो इलाज हो रहा है, वह समस्या का केवल एक छोटा हिस्सा है।