अरावली पर्वतमाला को कमजोर करने की कोशिशें वर्षों से जारी हैं. हरियाणा में अलग-अलग सरकारों ने इसे वन की परिभाषा से बाहर कर बिल्डरों को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया. फरीदाबाद से गुरुग्राम तक कई बार निर्माण योजनाएं लाई गईं, लेकिन पर्यावरणविदों, सुप्रीम कोर्ट और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के हस्तक्षेप से अरावली बचती रही.