सेना चाहती है कि ये ड्रोन दिन-रात और हर मौसम में उड़ान भरने में सक्षम हों. इन्हें तेज हवा, अत्यधिक गर्मी और कड़ाके की ठंड में भी प्रभावी ढंग से काम करना होगा. विशेष रूप से ऊंचाई वाले इलाकों में तैनाती के लिए ड्रोन को माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में भी संचालन योग्य होना चाहिए.