निलंबित मेयर ने 3 साल में जुटाई 315 गुना संपत्ति:मुनेश गुर्जर ने प्लॉट-जेवर में किया इन्वेस्ट, चुनाव से पहले थीं 23 लाख की मालकिन

नगर निगम हेरिटेज की निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर मात्र 3 साल में लखपति से करोड़पति बन गईं। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की जांच में इस तरह के कई खुलासे हुए हैं। मेयर बनने से पहले मुनेश और उनके पति सुशील गुर्जर की संपत्ति केवल 23 लाख रुपए थी। महज 3 साल के कार्यकाल में ही दोनों 2 करोड़ रुपए से भी अधिक संपत्ति के मालिक बन गए। 4 अगस्त 2023 को मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर के खिलाफ रिश्वत मामले में ACB ट्रैप की कार्रवाई हुई थी। तब मिले प्रॉपर्टी के कई दस्तावेज की जांच हुई थी। एक माह पूर्व ही मुनेश गुर्जर व उनके पति के खिलाफ आय से अधिक प्रॉपर्टी का केस दर्ज किया गया था। अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। इधर, एसीबी ने जांच में पाया मेयर बनने के बाद दंपती ने प्लॉट खरीदे, पुराने खरीदे प्लॉटों पर निर्माण करवाए और लाखों के जेवर भी खरीदे। बैंक में भी पति ने लाखों की एफडी करवाई। इस रिपोर्ट में पढ़िए किस तरह मेयर और उनके पति ने संपत्ति खड़ी की... छापे में मिले थे 41.55 लाख कैश एसीबी ने अगस्त, 2023 में रिश्वत की शिकायत के आधार पर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर के खिलाफ ट्रैप की कार्रवाई की थी। इस दौरान आदर्श कॉलोनी, हटवाड़ा (जयपुर) स्थित मकान की तलाशी भी ली गई। घर से संपत्ति के दस्तावेज (बैंक, प्लॉट आदि से संबंधित) जब्त किए गए थे। 41.55 लाख रुपए नकद भी बरामद हुए थे। इसके बाद एसीबी ने मेयर मुनेश और पति सुशील की संपत्ति के दस्तावेज के आधार पर जेडीए से कागजात लिए। संबंधित बैंकों से भी जानकारी ली। पार्षद के लिए चुनाव लड़ने के दौरान निर्वाचन विभाग को दिए हलफनामे और दस्तावेजों की जांच की गई। मेयर बनने के बाद नगर निगम से वेतन भत्तों की जानकारी ली गई। इस जांच में पता चला कि केवल 3 साल के अंतराल में आय से 300 गुना से भी अधिक की संपत्ति जुटाई गई है। ऐसे में एक दूसरी एफआईआर पिछले महीने और दर्ज की गई, जो आय से अधिक संपत्ति की थी। मेयर बनने के बाद तीन साल में 2 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बनाई एसीबी ने जब पूरे रिकॉर्ड की जांच की तो पाया कि नवंबर, 2020 से पहले दंपती की कुल संपत्ति करीब 23.84 लाख रुपए की थी। इसमें बैंक में जमा, जेवर और मकान आदि की कीमत भी शामिल है। इसके बाद मुनेश गुर्जर के मेयर बनने के बाद उनके कार्यकाल नवंबर, 2020 से अगस्त, 2023 तक के बीच जुटाई संपत्ति का ब्योरा लिया गया। पता चला कि इस बीच मुनेश और सुशील की संपत्ति कई गुना बढ़ कर 2 करोड़ रुपए से भी ऊपर पहुंच गई। नोटिस पर नोटिस, लेकिन जवाब अब तक नहीं ACB की टीम ने 4 अगस्त 2023 में मुनेश गुर्जर के घर छापा मारा था। एसीबी ने मेयर के पति सुशील के खिलाफ ट्रैप की कार्रवाई के बाद मिले कैश और तलाशी में मिले संपत्ति के दस्तावेज को लेकर जवाब-तलब किया। अब तक दोनों की ओर से कोई जवाब एसीबी को नहीं भेजा गया है। नोटिस पर नोटिस, पर जवाब नहीं मिला एसीबी ने पहला नोटिस 19 अक्टूबर 2023 को भेजा और कहा कि नकद और अन्य संपत्ति से जुड़े दस्तावेज पर सफाई 15 दिन में दें। मेयर के पति सुशील ने 7 नवंबर 2023 को समय मांगने के लिए एसीबी को लिखा कि दीपावली और पारिवारिक कार्यों के कारण दस्तावेज इकट्ठे नहीं हो पा रहे हैं, इसलिए 15 दिन का समय दिया जाए। इसके बाद 11 जनवरी 2024, 15 फरवरी 2024, 23 फरवरी 2024 को फिर नोटिस के जरिए पाबंद किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मुनेश गुर्जर को 18 अगस्त 2025 को नोटिस जारी किया, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। जवाब नहीं मिलने पर एसीबी ने सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) से निवास और अन्य संबंधित संपत्तियों की का वैल्यूएशन करवाया। एसीबी सूत्रों के अनुसार अब तक नकद और तलाशी में मिले संपत्ति के दस्तावेज को लेकर दोनों की ओर से कोई सफाई नहीं मिली है। --- मुनेश गुर्जर से जुड़ीं ये खबरें भी पढ़िए... जयपुर हेरिटेज मेयर मुनेश के पति को ACB ने पकड़ा, घर पर सर्च में 40 लाख कैश मिले एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने जयपुर हेरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर के घर 4 अगस्त 2023 छापा मारा था। टीम ने मेयर के पति सुशील गुर्जर और दो दलालों को गिरफ्तार किया था। पढ़ें पूरी खबर... निलंबित मेयर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को सही माना, आरोप न्यायिक जांच में हुए प्रमाणित नगर निगम हेरिटेज की निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ न्यायिक जांच में भ्रष्टाचार के आरोपों को सही माना गया था। विधि विभाग में कार्यरत जिला न्यायाधीश कैडर के अधिकारी सुरेन्द्र पुरोहित ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुनेश पर लगाए गए आरोपों को प्रमाणित माना। पढ़ें पूरी खबर...