सुप्रीम कोर्ट ने एक असाधारण फैसले में रेप केस में दोषी को मिली 10 साल की सज़ा रद्द कर दी. कोर्ट ने पाया कि मामला सहमति वाले रिश्ते की गलतफहमी से उपजा था. आरोपी और पीड़िता ने बाद में शादी कर ली. अनुच्छेद 142 के तहत कोर्ट ने शिकायत, दोषसिद्धि व सजा खत्म करते हुए आरोपी की सरकारी नौकरी भी बहाल करने का आदेश दिया.