यह वीडियो देश की बेटियों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश प्रस्तुत करता है. कुछ वर्ष पूर्व गुजरात में एक घटना का दृश्य देखा गया था जिसमें माल्यार्पण किया जा रहा था. फिलहाल उत्तराखंड का एक मामला सामने आया है जो चिंताजनक है. यह दर्शाता है कि "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" के नारे के बावजूद बेटियों के साथ व्यवहार में असल स्थिति अच्छी नहीं है. यह बात हमें सोचने पर मजबूर करती है कि केवल नारे लगाने से काम नहीं चलेगा बल्कि वास्तविकता में बदलाव करने की आवश्यकता है.