सेंगर की जमानत पर भड़कीं उन्नाव पीड़िता

मेरे बच्चे दो मासूम नवजात हैं जो अभी दूध पी रहे हैं. इस परिवार को न्याय नहीं मिला जबकि एक इंसान को डराकर रखा गया है. जज साहब ने पूरी तरह से छूट दे दी है कि इन लोगों को छोड़ दें ताकि वे डर कर बैठ जाएं या मर जाएं. इसका मतलब हुआ कि जज साहब ने इतनी बड़ी रकम ली है जिसका कोई अंत नहीं है. अब मेरा अधिकार है कि मैं जज साहब को सामने बुलाकर बात करूँ. यह एक गंभीर मामला है जिसमें न्यायिक प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं.