नितिन नबीन को भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की घोषणा 20 जनवरी को की जा सकती है। नितिन को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है तो वे इस पद पर पहुंचने वाले सबसे युवा होंगे। सूत्रों के अनुसार, नितिन नबीन का कार्यकाल राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में जनवरी 2026 से जनवरी 2029 तक रहेगा। 2029 में लोकसभा चुनाव प्रस्तावित होने के कारण उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। पार्टी देशभर के प्रदेश अध्यक्षों को 15 जनवरी के बाद दिल्ली बुलाने की तैयारी कर रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 18 से 20 जनवरी के बीच पूरी होने की संभावना है। पार्टी शासित राज्यों में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया आधे से ज्यादा राज्यों में पूरी हो चुकी है। 37 में से 29 राज्यों में आंतरिक चुनावों को अंतिम रूप दे दिया गया है। इन राज्यों के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नितिन नबीन के समर्थन में नामांकन पत्रों का एक सेट जमा करेंगे। इसके अलावा भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य भी नितिन नबीन के पक्ष में एक अलग सेट में नामांकन दाखिल करेंगे। सूत्रों ने बताया कि नितिन नबीन के समर्थन में दाखिल नामांकन पत्रों पर PM नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दस्तखत भी होंगे। चूंकि नितिन नबीन ही एकमात्र उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने वाले हैं, इसलिए भाजपा के मुख्य चुनाव अधिकारी के. लक्ष्मण नामांकन पत्रों की जांच के बाद उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने की औपचारिक घोषणा कर सकते हैं। इस मौके पर भाजपा शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रदेश अध्यक्षों को दिल्ली में उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। 14 दिसंबर को कार्यकारी अध्यक्ष बने नबीन बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन को 14 दिसंबर को भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी बनाया गया था। 45 साल के नबीन 2010 से बिहार की बांकीपुर सीट से विधायक हैं। भाजपा ने साल 2020 में जेपी नड्डा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था। 2024 में उनका कार्यकाल खत्म हुआ था। तब से वे एक्सटेंशन पर थे। भाजपा की नई टीम में 80% युवाओं को लाने का रास्ता साफ करेंगे नवीन नितिन के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के साथ ही भाजपा में 80% युवाओं को आगे लाने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, नई टीम बनने में लगभग 6 महीने लगेंगे। लेकिन इतना साफ है कि टीम में महामंत्री और मंत्री जैसे प्रमुख पदों पर ज्यादातर 50 से कम उम्र के होंगे। अगले साल 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव हैं। नितिन टीम इसी के अनुरूप बनाएंगे। एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि अमूमन राष्ट्रीय अध्यक्ष जूनियर या समकक्षों को ही महासचिव, सचिव जैसे पदों पर रखते हैं। तब डी-4 हुए थे दरकिनार, इस बार सी-4 हो गए सूत्रों की मानें तो RSS 15 साल बाद भाजपा में फिर वही प्रयोग कराने में सफल रहा, जो उसने नितिन गडकरी को लेकर किया था। 2009 में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह का कार्यकाल समाप्त होने वाला था। वरिष्ठ नेता अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, अनंत कुमार और वैंकेया नायडू सबसे बड़े दावेदार थे। लाल कृष्ण आडवाणी भी इनके नाम पर सहमत थे। लेकिन, तब संघ ने स्पष्ट कर दिया था कि डी-4 (दिल्ली फोर) में से कोई राजनाथ का स्थान नहीं लेगा। फिर अचानक गडकरी को अध्यक्ष बनाया गया था। हालांकि संघ ने इस बार किसी नाम पर सार्वजनिक तौर पर आपत्ति नहीं जताई। लेकिन, जिस तरह तत्काल प्रभाव से नितिन के नाम की घोषणा हुई, वह डी-4 की जगह सी-4 के रूप में देखी जा रही है। सी-4 यानी केंद्रीय स्तर के चार समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नेता मसलन महिला, ओबीसी, दलित या केंद्रीय नेता। लेकिन, इस बार भी सी-4 को दरकिनार कर सवर्ण (कायस्थ) समुदाय वाले नितिन का नाम आया है। जानिए भाजपा अध्यक्ष कैसे चुना जाता है और उसके काम --------------------------------------------------- ये खबर भी पढ़ें.... मोदी-शाह के आज्ञाकारी नेता होने का इनाम मिला: एक फोन आया और नितिन नबीन बन गए कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष, 5 पॉइंट में जानें भाजपा ने क्यों चुना भाजपा ने बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन को अपना कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया। वे इस पद पर पहुंचने वाले सबसे युवा नेता हैं। उम्र है महज 45 साल। अमित शाह जब अध्यक्ष बने थे तो उनसे 5 साल बड़े यानी 50 साल के थे। सूत्रों के मुताबिक, नितिन नबीन को भी इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलने की भनक नहीं थी। रविवार दोपहर 3 बजे उन्हें कॉल आया। पूरी खबर पढ़ें...