उन्नाव रेप केस को लेकर रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर हंगामा हो गया। पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा सस्पेंड होने के खिलाफ रेप पीड़ित के पक्ष में कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे थे। तभी सेंगर का समर्थन करने वाले 'पुरुष आयोग' के सदस्य वहां पहुंच गए। उनके हाथ में आई सपोर्ट कुलदीप सेंगर का बैनर था। इसको लेकर रेप पीड़ित पक्ष की योगिता भयाना ने विरोध कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों में जमकर नारेबाजी और झड़प हो गई। वहीं, प्रदर्शन में शामिल रेप पीड़ित ने कहा कि हमारे पारिवारिक सदस्यों और गवाहों की सुरक्षा हटा दी गई है। उधर, योगिता भयाना ने कहा- हम चाहते हैं कि कुलदीप सिंह सेंगर के मामले में जो सुनवाई हुई है, उसे खारिज किया जाए। ये बच्ची यहां आना चाहती थी, इसलिए हम उसके समर्थन में यहां आए हैं। इस बच्ची की कानूनी लड़ाई अच्छे से लड़ी नहीं गई है। पीड़ित ने कहा- मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है इस पर पीड़ित ने कहा- मुझे सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है कि वह इंसाफ देगा। मैं हर महिला की आवाज उठा रही हूं। अगर CBI ने यह पहले किया होता, तो मुझे इंसाफ मिल गया होता। उसकी (कुलदीप सेंगर की) जमानत खारिज हो जाती, क्योंकि उसने मेरा रेप किया था। मेरे पिता को मार दिया गया। मेरे परिवार के सदस्यों को मार दिया गया। मेरे परिवार के सदस्यों और गवाहों की सुरक्षा हटा दी गई। मेरे पति को नौकरी से निकाल दिया गया। मेरे बच्चे घर पर सुरक्षित नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट 29 को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट उन्नाव रेप केस में दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की सजा सस्पेंड करने के खिलाफ 29 दिसंबर को सुनवाई करेगा। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की याचिका सुनवाई के लिए लिस्ट की गई है। इसमें दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी। इससे पहले शनिवार को भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की जमानत के खिलाफ रेप पीड़ित दिल्ली में CBI ऑफिस पहुंची थी। जहां उसने बेल के खिलाफ एप्लिकेशन दी। पीड़ित ने कहा था- मुझे डेढ़ घंटे इंतजार कराया गया। उसके बाद कर्मचारियों ने मेरी एप्लिकेशन ली। पहले मुझसे कहा गया कि आज छुट्टी है, मंडे को आना। लेकिन बाद में एप्लिकेशन ले ली गई। सोमवार को बुलाया गया है। सजा सस्पेंड होने के बाद से ही हंगामा महिला एक्टिविस्ट को पुलिस उठाकर ले गई 23 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने कुलदीप सेंगर को सशर्त जमानत दी थी। इसके बाद से ही विरोध प्रदर्शन हो रहा है। उसी दिन रेप पीड़ित, उसकी मां और एक्टिविस्ट योगिता भयाना 23 दिसंबर की शाम को इंडिया गेट के सामने धरने पर बैठ गई थीं। आधी रात पुलिस इंडिया गेट पहुंची और उन्हें हटने के लिए कहा। इस पर नोकझोंक और बहस हुई। आखिरकार तीनों को जबरन इंडिया गेट से हटा दिया गया था। महिला सिपाही पीड़ित और उसकी मां को उठाकर अपने साथ ले गई थी। इसके बाद से लगातार प्रदर्शन हो रहा है। पीड़ित और उसकी मां राहुल गांधी और सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर सहयोग की मांग की थी। 26 दिसंबर को महिला एक्टिविस्ट योगिता भयाना समेत तमाम महिलाओं ने संसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया था। योगिता ने कहा था- कुलदीप सेंगर को भाजपा सरकार बचा रही है। हमारे देश की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। हम चाहते हैं कि उन्नाव रेप कांड की पीड़िता को न्याय मिले। उत्तराखंड की अंकिता भंडारी के मामले में भी दोषियों को बचाया जा रहा। इन घटनाओं से देश की महिलाएं डरी हुई हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 लाख के बॉन्ड के साथ कंडीशनल बेल दी थी... 17 साल की लड़की को अगवा कर किया था रेप उन्नाव में कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग को अगवा कर रेप किया था। मामले की जांच सीबीआई ने की थी। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दोषी सेंगर को 20 दिसंबर, 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उसे मृत्यु तक जेल में रखने के आदेश दिए थे। सेंगर पर 25 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया था। कुलदीप सेंगर की विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी। उसे भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया था। 'दैनिक भास्कर' ने 29 अक्टूबर को ही बता दिया था कि कुलदीप सिंह बिहार चुनाव के बाद जेल से बाहर आएगा। क्लिक करिए... उन्नाव रेप केस की टाइमलाइन 42 महीने में 4 मौतें हुई थीं पीड़ित ने पीएम-सीएम को पत्र लिखकर बताया- विधायक ने रेप किया पीड़ित के पिता पर जानलेवा हमला किया गया सुबह 4 बजे कुलदीप सेंगर को हिरासत में लिया था एक्सीडेंट में मारी गईं पीड़ित की मौसी और चाची ---------------------- ये खबर भी पढ़ें उन्नाव रेप पीड़ित का मां-चाचा से भी झगड़ा हुआ, कुलदीप सेंगर के खिलाफ 9 साल कानूनी लड़ाई लड़ी उन्नाव के बहुचर्चित रेप केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने कुलदीप सेंगर की सजा सस्पेंड कर दी। पीड़िता ने आरोप लगाया कि कुलदीप ने अपनी पावर और पैसे का इस्तेमाल करके यह सब कराया है। सबको पैसे खिलाए हैं। दूसरी तरफ कुलदीप के पक्ष के लोग कहते हैं कि कोर्ट का फैसला तथ्यों के साथ आया है। तथ्यों को झुठलाया नहीं जा सकता। पूरी खबर पढ़ें...