पहला सवाल यह है कि टीएमसी का नया स्लोगन चुनाव के लिए है या पूरे बंगाल के लिए है? दूसरा महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि क्या यह नारा बीजेपी के घुसपैठिये के खिलाफ काट की काट है. तीसरा और निर्णायक सवाल यह है कि बंगाल की जनता वोट देने के समय मुद्दों को प्राथमिकता देगी या किसी स्लोगन को?