कैमूर जिले के सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के बैंक मित्र उपस्थित हुए, एवं सभी ने एक साथ एक आवाज में ट्रेड यूनियन को मजबूत करने पर दिया बल कैमूर के मोहनिया प्रखण्ड में सीएसपी संचालकों ने बैठक कर विभिन्न मुद्दों पर किया चर्चा रविवार को कैमूर जिला के मोहनिया प्रखंड के शारदा ब्रजराज उच्च विद्यालय के प्रांगण में बैंक मित्र फेडरेशन ऑफ इंडिया कार्यकारिणी की बैठक की गई। कैमूर जिले के सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के बैंक मित्र उपस्थित हुए, एवं सभी ने एक साथ एक आवाज में ट्रेड यूनियन को मजबूत करने पर बल दिया। साथ ही मीडिया के माध्यम से बैंक मित्रों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार से आगे आने का अनुरोध भी किया। साथ ही यह बताया कि प्रबंधन और कंपनिया मिलकर बैंक मित्रों का अत्यधिक आर्थिक शोषण और जबरन ग्राहकों को बीमा करने के लिए बार बार बाध्य कर रही है । बैठक में सभी उपस्थित बैंक मित्रों ने साथ हो रहे अत्याचार पर रोष भी प्रकट किया। और प्रबंधन तथा कम्पनियों के तानाशाही को मिडिया के सामने उजागर भी किया। हर कार्य का लेखा जोखा मांगती एजेंसियां पर कमिशन का लिस्ट जारी नहीं करती एजेंसियां । प्रबंधन के गैर जिम्मेदारी और संवेदनहीनता की वजह से बैंक मित्रों को कभी भी समय से कमीशन नहीं देती एजेंसियां । एजेंसी व एजेंसी के अधिकारियों बैंक मित्र कमीशन में भारी अनियमितता एवं घाल मेल की अहम कड़ी है। इसलिए बैंक और बैंक मित्रों के बीच से एजेंसियों को हटाने की भी सरकार से मांग की गई। प्रधानमंत्री द्वारा जनधन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए उदघोषित प्रोत्साहन राशि बैंक मित्रों को आज तक नहीं मिला । रविवार को भी प्रबंधन के इशारे पर बैंक मित्रों से कार्य करवाती है एजेंसियां । एजेंसी अपने स्तर से उपकरण खरीदने के लिए बैंक मित्रों को बाध्य करना। एवं अन्य कंपनियों को बैंक मित्रों का मोबाइल नंबर सार्वजनिक करना। अपनी गलती को छुपाने के लिए कम्पनियों और बैंक के कुछ लोगों द्वारा प्रबंधन में बैंक मित्रों की झूठी शिकायत करते हैं जिससे बैंक मित्रों को कोड बंद कर देने के धमकीसे भय तथा मानसिक उत्पीड़न कर बैंक मित्रों में ग्राहकों को जबरन सुरक्षा बीमा एवं अन्य कार्य करने को बाध्य और मजबूर करते है। यही नहीं, बैंक मित्रों के बंद किए गए कोड को पुनः चालू करने के एवज में 20 से 50 हजार रुपया भी मांगा जाता है। नए श्रम कानून के बारे में मीटिंग में भी एजेंसी और प्रबंधन कोई चर्चा नहीं करती है। बल्कि ये कहा जाता है कि बैंक के पास पैसा नहीं है जो कि बैंक मित्रों को दे पाए। जबकि बैंक कर्मियों को प्रत्येक महीने वेतन देने के लिए पैसा है। कार्य के लिए सीधे आदेश बैंक मित्रों के वॉट्सएप पर भेजती है लेकिन बैंक आईडी और कमीशन का प्रावधान एजेंसी की बताती है। ऋण धारक के उत्थान के तहत 1 से 2 दिन तक के लिए ऋण वसूली विभाग के अधिकारी द्वारा कई ब्रांचों में बैंक मित्र के राशि से जबरन जमा कराया जाता है। इन तमाम मुद्दों पर सभी बैंक मित्रों ने बारी बारी से अपनी व्यथा सुनाई। बैठक में बीएमएफआई के जिला प्रभारी कन्हैया सिंह , ट्रेड यूनियन सदस्य विकास पटेल जी, मनिंद्र मंडल पंचदेव खरवार , रवि रंजन राय जी, सिकंदर कुमार बिहारी लाल , सुनील गुप्ता जी, सिंहासन सिंह , रामू खरवार , अनिल मिश्रा इत्यादि बैंक मित्र उपस्थित थे।