संघ के 100 साल: बालासाहब ना होते तो दशकों पहले ही गुमनामी में चले जाते गोविंदाचार्य

गोविंदाचर्य बीजेपी और संघ के ऐसे नेता रहे जिनका दोनों संगठनों में प्रभाव रहा. कहानी ऐसी है कि बालासाहब देवरस सरसंघचालक न होते तो बिहार आंदोलन में अपनी सक्रियता के लिए के.एन. गोविंदाचार्य दंडित किए जाते. इसकी वजह थी उनका जोश जोश में अपना दायित्व भूलकर सीमा रेखा को पार कर जाना. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है वही कहानी.