Garuda Puran: गरुड़ पुराण में कहा गया है कि मृत्यु के समय व्यक्ति अपने पूरे जीवन को एक क्षण में देखता है. उसके अच्छे-बुरे कर्म उसके सामने स्पष्ट हो जाते हैं. यही कारण है कि अंतिम समय में व्यक्ति चाहकर भी कुछ बोल नहीं पाता, क्योंकि उसकी चेतना शरीर से अलग होने लगती है.