कभी नीला ड्रम, कभी हनीमून मर्डर... 2025 को 'मर्द के दर्द' का साल कहना चाहि‍ए!

साल 2025 में औरत की पुराने समय से गढ़ी गई इमेज, दया-करुणा और सहनशीलता की छव‍ि को एकदम पलट चुकी है. अब `मर्द को दर्द नहीं होता`स्लोगन भी गुम हो गया था. सोशल मीड‍िया में तमाम पुरुष खुलेआम आकर अपनी कहान‍ियां बता रहे थे. पुरुषों के वेलफेयर के लिए चलने वाली हेल्पलाइंस में कॉल्स की बाढ़ लग गई थी. लोग मह‍िलाओं के हितों में बने कानूनों को कोस रहे थे. ये वो दौर था जब #MenLivesMatter जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे.