महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले सियासी मजबूरियों ने दो बड़े राजनीतिक परिवारों को फिर से एक कर दिया है. लंबे समय बाद उद्धव और राज ठाकरे साथ आए हैं. दूसरी तरफ शरद पवार और अजित पवार ने भी समझौता कर लिया है. दोनों ही सुलह भावनाओं से नहीं, बल्कि चुनावी गणित से प्रेरित हैं.