घर-घर सामान पहुंचाने वाले डिलीवरी पार्टनर्स ने नए साल की पूर्व संध्या पर हड़ताल कर अपनी मुश्किलों को उजागर करेंगे. लंबे घंटे, कम कमाई और लगातार बढ़ते डिलीवरी टारगेट्स ने वर्कर्स पर दबाव इतना बढ़ा दिया कि कई महीनों से उनकी इनकम और सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. रिपोर्ट बताती है कि अधिकांश वर्कर्स रोज़ाना ₹400 से कम कमाई करते हैं, छुट्टी लेना उनके लिए मुश्किल है और कंपनियों से पर्याप्त सपोर्ट नहीं मिलता.