पहाड़ों की रानी कहे जाने वाले उत्तराखंड के मशहूर टूरिस्ट डेस्टिनेशन मसूरी का सफर अब देहरादून से मात्र 20 मिनट में पूरा हो जाएगा। उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) टूरिस्टों की सुविधा के लिए देहरादून से मसूरी के बीच फ्रांस की टेक्नोलॉजी पर आधारित ऑटोमैटिक रोपवे का निर्माण करा रहा है। इससे ना केवल टूरिस्टों को जाम से छुटकारा मिलेगा, बल्कि अब वो दून से मसूरी के बीच हवाई सफर भी कर सकेंगे। फिलहाल रोपवे का काम 50% से ज्यादा पूरा हो चुका है। निर्माणाधीन एजेंसी का दावा है कि दिसंबर 2026 तक ये पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा और मार्च 2027 से टूरिस्ट रोपवे से मसूरी पहुंचने लगेंगे। 2024 में शुरू हुआ था निर्माण देहरादून से मसूरी के बीच लगातार बढ़ती टूरिस्ट की संख्या और भयानक जाम को देखते हुए UTDB ने 2023 में दून-मसूरी रोपवे का खाका खींचा। कैबिनेट और केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद जनवरी 2024 में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप PPP मोड के तहत मसूरी स्काइवार कंपनी ने 300 करोड़ रुपए की लागत से दून-मसूरी रोप-वे परियोजना पर काम करना शुरू कर दिया। पुरकुल से गांधी चौक के बीच होगी यात्रा रोपवे का एक सिरा देहरादून से 15 किलोमीटर दूर पुरकुल गांव में बनाया जा रहा है। जबकि दूसरा सिरा मसूरी के गांधी चौक में बनेगा। टूरिस्टों को रोपवे से मसूरी जाने के लिए पुरकुल पहुंचना होगा। पुरकुल में रोपवे के लोअर टर्मिनल प्वाइंट LTP का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। जबकि गांधी चौक में अपर टर्मिनल प्वाइंट UTP का कार्य निर्माणाधीन है। ट्यूबलर ट्यूब लगाने के लिए 20 टावर तैयार पुरकुल से गांधी चौक के बीच रोपवे मार्ग पर 26 टावर बनेंगे, जिसमें से 20 टावरों का फाउंडेशन कार्य पूरा होने के बाद उनमें एंकर-बाेल्ट लग चुके हैं। अब इनमें स्टील के ट्यूबलर ट्यूब लगाए जाएंगे। शेष छह टावरों का फाउंडेशन कार्य चल रहा है। पुरकुल में पार्किंग और रिफ्रेशमेंट की सुविधा मिलेगी पुरकुल में टूरिस्टों की सुविधा के लिए पांच मंजिला पार्किंग और रिफ्रेशमेंट सेंटर बनाया जा रहा है। पार्किंग में एक हजार से अधिक वाहनों को खड़ा करने की क्षमता होगी। यहां पर्यटक अपने वाहनों को पार्क कर सकेंगे। साथ ही रिफ्रेशमेंट सेंटर में खाने, पीने, शौचालय और मनोरंजन की व्यवस्था होगी। 5.5 किलोमीटर में सिमटा सफर देहरादून से मसूरी के सड़क मार्ग का सफर करीब 33 किलोमीटर का है। लेकिन रोपवे से यह सिर्फ 5.5 का रह जाएगा। सड़क मार्ग से दून से मसूरी पहुंचने में साधारणतया 1.5 घंटे लगते हैं। जबकि पर्यटन सीजन में मई से जून के बीच यह सफर तीन घंटे से भी अधिक का हो जाता है। इसके साथ ही टूरिस्टों काे घंटों जाम का सामना करना पड़ता है। 1 घंटे में 1300 पर्यटकों को ले जाएगा रोपवे रोपवे के रोप और केबिन फ्रांस से मंगाए जा रहे हैं। एक केबिन में एक साथ 10 पर्यटकों के बैठने की क्षमता होगी। यह केबिन पूरी तरह से ऑटोमैटिक होंगे। शुरुआत में 55 केबिन आएंगे और भविष्य में केबिन की संख्या बढ़ाई जाएगी। 1 घंटे में करीब 1300 यात्री मसूरी पहुंच सकेंगे। 6 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से दौड़ेंगे केबिन रोपवे के केबिन की अधिकतम रफ्तार छह मीटर प्रति सेकेंड होगी। रोपवे रेस्क्यू मोड से लैस होगा, जिससे केबिन की रफ्तार मौसम के अनुसार नियंत्रित होगी। रोपवे का पूरा संचालन ऑनलाइन होगा। इसके लिए फ्रांस से एक टीम आएगी, जो रोपवे का संचालन करने वाले कर्मचारियों को ट्रेनिंग देगी। रोपवे से पुरकुल की सूरत बदलेगी रोपवे के निर्माण से पुरकुल गांव की भी सूरत बदलेगी। पुरकुल में टूरिस्टों के पहुंचने से स्थानीय लोगों का व्यापार चमकेगा। कई ग्रामीण रोजगार से जुड़ सकेंगे। स्थानीय उत्पादों को बाजार मिल सकेगा। होटल और कैफे व्यवसायियों के व्यापार में बढ़ोत्तरी होगी। इसके साथ ही पर्यटन विभाग का भी राजस्व बढ़ेगा। पहाड़ों में खूबसूरत नजारों के बीच होगा सफर पर्यटन सीजन में मई से जुलाई के बीच रोज करीब 25 हजार टूरिस्ट देहरादून से मसूरी पहुंचते हैं, जिससे हमेशा ही जाम की स्थिति बनी रहती है। हालांकि रोपवे का निर्माण पूरा होने के बाद यह टूरिस्टों की संख्या में और इजाफा होगा। रोपवे का सफर रोमांच और खूबसूरत नजारों से भरा होगा। पहाड़ों के बीच से गुजर कर पर्यटक सीधे मसूरी की माल रोड पर दस्तक देंगे। बारिश के बीच भी राेपवे का निरंतर संचालन हो सकेगा। जबकि भारी बारिश अक्सर सड़क क्षतिग्रस्त होने से मसूरी मार्ग बंद हो जाता है। सीजन में रोज जाते हैं 25 हजार टूरिस्ट आपदा से हुआ नुकसान देहरादून में 15-16 सितंबर की मध्य रात को आई आपदा से रोपवे साइट को भी काफी नुकसान पहुंचा। बारिश के सैलाब में शटरिंग, पिलर और सड़क बह गई, जिससे निर्माण कर रही एजेंसी को लाखों रुपए का नुकसान हुआ। हालांकि अब स्थिति सामान्य हो चुकी है। UTDB के डायरेक्टर इंफ्रा दीपक खंडूड़ी ने बताया, रोपवे का निर्माण तेजी से चल रहा है। वर्तमान से आधा से अधिक निर्माण पूरा हो चुका है। तय समय सीमा में इस पूरा कर लिया जाएगा। रोपवे के संचालन से मसूरी जाने वाले टूरिस्टों को काफी राहत मिलेगी।