राम गोपाल वर्मा का कहना है कि धुरंधर का टेम्पलेट ट्रेडिशनल है. इसमें पुराना फॉर्मूला है. हीरो किसी अच्छे मकसद से आता है, मुसीबत में पड़ता है, लड़की से प्यार होता है, विलेन होता है, फ्लैशबैक और बदला होता है. इसने पैन इंडिया के एक्शन फॉर्मूला को तोड़ दिया है.