विभाजन की पूर्वसंध्या पर जन्मी और राजनीतिक उथल-पुथल के दौर में दुनिया से विदा हुईं खालिदा जिया का जीवन बांग्लादेश की उथल-पुथल भरी यात्रा का प्रतिबिंब रहा- स्वतंत्रता संग्राम, सैन्य तख्तापलट और गहरी प्रतिद्वंद्विता से टूटती-बिखरती लोकतांत्रिक व्यवस्था तक.