वैश्विक आकलन से पता चला है कि यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल लगभग 80% स्थल पहले से ही क्लाइमेट चेंज के खतरों का सामना कर रहे हैं. इनमें से लगभग हर पांचवें स्थल को क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग की वजह बड़ा खतरा है. अगर दुनिया 'लो कार्बन एमिशन' यानी 'कम-उत्सर्जन' के उपायों को अपनाती है, तो खतरे में पड़े लगभग 40 फीसदी धरोहर स्थलों की रक्षा की जा सकती है.