देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पर दिल्ली साउथ कमिश्नरेट के CGST के अतिरिक्त आयुक्त ने ₹458 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया है। कंपनी ने मंगलवार को बताया कि यह जुर्माना केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) अधिनियम, 2017 की धारा 74 के तहत वित्त वर्ष 2018-19 से 2022-23 की असेसमेंट से जुड़ा है। एयरलाइन के मुताबिक, कुल GST मांग ₹458,26,16,980 है। कंपनी ने बताया कि GST विभाग ने विदेशी सप्लायर से मिली क्षतिपूर्ति (कंपनसेशन) पर टैक्स मांग, ब्याज और जुर्माना लगाया है, साथ ही इनपुट टैक्स क्रेडिट को भी खारिज किया गया है। कंपनी ने बाहरी टैक्स सलाहकारों की राय के आधार पर इस जुर्माने को गलत बताया। इंडिगो का कहना है कि यह आदेश कानून के खिलाफ है और वह इसे कोर्ट में चुनौती देगी। कंपनी के मुताबिक, इस आदेश का उसके वित्तीय नतीजों, संचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। इसी तरह के एक मामले में कंपनी पहले से ही वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आयुक्त (अपील) के समक्ष अपील में है। एक अन्य मामले में, लखनऊ के संयुक्त आयुक्त कार्यालय ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इंडिगो पर ₹14,59,527 का जुर्माना लगाया है। इसमें भी इनपुट टैक्स क्रेडिट को खारिज करते हुए टैक्स, ब्याज और जुर्माने की मांग की गई है। इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन ने बताया कि वह इस आदेश को भी चुनौती देगी। कंपनी का कहना है कि इस मामले का भी उसके कारोबार पर कोई महत्वपूर्ण असर नहीं होगा।