इंदौर के भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी पीने से पहली मौत दो-चार दिन पहले नहीं, बल्कि 10 दिन पहले 21 दिसंबर को हुई थी। भागीरथपुरा के श्मशान घाट के रिकॉर्ड से ये सच सामने आया है। यहां 21 दिसंबर को बिहार के मोतिहारी जिले की रहने वाली 50 साल की सुमित्रा देवी का अंतिम संस्कार किया गया था, जो अपने बेटे से मिलने इंदौर आई थीं। भास्कर रिपोर्टर ने जब सुमित्रा देवी के परिवार से संपर्क किया तो पता चला कि मौत से 10-12 दिन पहले ही उन्हें पेटदर्द की शिकायत हुई थी। परिवार ने उन्हें डॉक्टर को दिखाया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। इसके अलावा श्मशान घाट के रिकॉर्ड से ये भी पता चला कि 24 दिसंबर को 75 साल के संतोष बिगोलिया की दूषित पानी से मृत्यु हुई थी। उनके नाम के आगे मौत का कारण वृद्धावस्था लिखा है। सुमित्रा से पहले 5 और लोगों की मौत हुई थी, जिनके नाम के आगे मौत का कारण लिखा है- वृद्धावस्था। जो इस बात का संदेह पैदा कर रहा है कि मौतों का सिलसिला इससे कहीं पहले का हो सकता है। बता दें कि भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी पीने से अब तक 10 मौतें हो चुकी हैं। बुधवार को पांच माह के बच्चे समेत 4 लोगों ने दम तोड़ा। एक महीने पहले ही बेटे-बहू के पास आई थीं श्मशान घाट के रिकॉर्ड में दर्ज मोबाइल नंबर पर भास्कर रिपोर्टर ने कॉल किया तो भागीरथपुरा में रहने वाले सरोज कुमार ने उठाया। सरोज कुमार भागीरथपुरा में दो मंजिला मकान में पिछले साढ़े तीन-चार साल से रह रहे हैं। सुमित्रा देवी उनकी मुंहबोली बहन थीं, जो बिहार के मोतिहारी जिले की रहने वाली थीं। सरोज कुमार ने उन्हीं के कमरे के पास 10 बाय 10 के बंद कमरे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सुमित्रा का बेटा और बहू अपनी दो बेटियों के साथ इसी कमरे में रहते थे। बेटा यहां प्राइवेट जॉब करता है। एक महीने पहले यानी नवंबर के महीने में ही सुमित्रा बेटे-बहू से मिलने इंदौर आई थी। 12 दिन पहले तबीयत खराब हुई थी सरोज कुमार ने बताया कि मौत से 12 दिन पहले सुमित्रा देवी ने पेट दर्द और गैस की शिकायत की थी। परिवार के लोगों ने इसे सामान्य लेते हुए इलाज कराया। डॉक्टर के पास ले गए। मगर उनकी हालत खराब होती गई। मौत से एक दिन पहले उन्हें उल्टी दस्त की शिकायत हुई थी। सरोज कहते हैं कि परिवार को समझ ही नहीं आया कि उनकी मौत कैसे हो गई? उनसे पूछा कि घर में गंदा पानी कब से आ रहा है? तो सरोज ने कहा कि 15 दिन पहले जो पानी आ रहा था, उसमें बदबू आ रही थी। दो दिन पहले ही जब नगर निगम की गाड़ी ने अनाउंस करना शुरू किया था कि पानी को उबाल लें, तभी से हम लोग पानी उबाल कर पी रहे हैं। सरोज ने वो पानी भी दिखाया, जो सुमित्रा के घर पर भरा गया था। उनकी मौत के बाद से ही ये पानी वैसा ही पड़ा है। श्मशान घाट के रिकॉर्ड में लिखा- वृद्धावस्था से मौत सुमित्रा की 21 दिसंबर को मौत हुई थी। इसके तीन दिन बाद 24 दिसंबर को 75 साल के संतोष बिगोलिया की दूषित पानी पीने से मौत हुई। परिजन के मुताबिक, उन्हें भी उल्टी दस्त की शिकायत थी। जिन लोगों की उल्टी दस्त से मौत हुई है, श्मशान घाट के रिकॉर्ड में उनके नाम के आगे लिखा है- वृद्धावस्था से मौत। सुमित्रा के पहले 5 और ऐसे लोग हैं, जिनके नाम के आगे वृद्धावस्था से मौत लिखा है। इससे इस बात की आशंका है कि मौतें 21 दिसंबर से पहले भी हो सकती हैं। बाहरी दूध पीने से 5 माह के बच्चे की मौत बुधवार को भागीरथपुरा में रहने वाले पांच महीने के अव्यान साहू की मौत हो गई। अव्यान के परिजन ने बताया कि उसे बाहरी दूध दिया जाता था। दूधवाला परदेसीपुरा और भागीरथपुरा के पास की दुकानों से दूध देने घर आता था। परिवार का कहना है कि दूधवाला इसमें दूषित पानी की मिलावट करता था। जिससे बच्चे की हालत खराब हो गई और उसकी मौत हो गई। मामले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... इंदौर में पानी से मौतें…और सस्पेंशन-मुआवजे का सरकारी ड्रामा जो पानी जिंदगी देता है…वो ही मौत बन गया। क्योंकि सरकारी सिस्टम ने उसमें ‘जहर’ घोल दिया था। नलों के जरिये उसे इंदौर के भागीरथपुरा में घर-घर तक पहुंचा दिया। फिर शुरू हुई एक त्रासदी… एक के बाद एक मौतें। पिछले 4 दिन से घरों में लाशें पहुंच रही हैं। 10 जानें जा चुकी हैं। 150 से ज्यादा लोग जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर...